जैन तीर्थ परिचय
संख्या 8
श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, आंवा, टोंक (राजस्थान)
सादर जय जिनेन्द्र ।। मैं सुलभ जैन (बाह) आज की भाव वन्दना चलते है,, राजस्थान के टोंक जिले में जयपुर—कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोंक और देवली शहरों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग 15 किमी दूरी पर स्थित आंवा गांव में प्राचीन दिगम्बर जैन मन्दिर व नसियां स्थित है।
आम धारणा है कि मन्दिर का निर्माण विक्रम संवत 1223 में किया गया था। इस मन्दिर की स्थापना कुन्द—कुन्द मूल आमान्यानुसार की गई थी। उस समय यह मन्दिर गुफा में था। विक्रम संवत 1593 में भट्टारक श्री धर्मचन्द द्वारा इसमें स्थित 4 फीट श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान की पद्मासन प्रतिमा का पंचकल्याणक किया गया था।
पंचकल्याणक महोत्सव को तत्कालीन शासक श्री सूर्य सेन के संरक्षण में किया गया था तथा लाखों जैन श्रावक पंचकल्याण महोत्सव में आये थे। यह भी मान्यता है कि उस समय पंचकल्याणक में जो भक्त आये थे, उनके भोजन में उपयोग में लायी गयी मिर्च के डण्ठल का वजन लगभग 29 क्विंटल था। वर्तमान में मन्दिर में मूल प्रतिमा की गुफा की दीवारों व छत पर संगमरमर का कार्य किया गया है तथा दीवारों पर श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान के तीर्थंकर कल्याणक संगमरमर पर उकरे गये हैं।
मन्दिर के उच्च भाग में मूल प्रतिमा की प्रति प्रतिमा की स्थापना की गई है तथा अन्य तीर्थंकरों की प्रतिमा भी विराजमान है। मन्दिर के अन्दर की स्थापत्यकला मनमोह लेती है। जब आप आंवा गांव से जयपुर—कोटा मार्ग पर लौटते हैं, तो मन्दिर से 4 किलोमीटर दूरी पर जैन नसियां भी स्थित है। यह छोटी पहाड़ी पर स्थित है, जहां तक वाहन से व पैदल आसानी से जाया जा सकता है। जैन नसियां के मुख्य मन्दिर में मूल नायक प्रतिमा श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान की पद्मासन प्रतिमा है, जो 11.5 फीट की है। साथ ही श्री 1008 आदिनाथ भगवान व सहस्त्रफणी श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान की पद्मसान 7.5—7.5 फीट की प्रतिमाएं हैं। मुख्य मन्दिर में त्रिकाल चौबीसी है।
14 जून, 2008 में मुनी श्री 108 सुधासागर जी महाराज के सान्निध्य में भव्य पंचकल्याणक हुआ था। उस समय क्षेत्र का नाम श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सुदर्शनोदय, आंवा घोषित किया गया। जैन नसियां में सशुल्क आवास व भोजनालय है। यहां बच्चों को खेलने के लिये बाल वाटिका है। क्षेत्र में निर्माण व विकास कार्य चल रहा है। यह क्षेत्र शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर एकांत में साधना के लिये उत्तम है। सड़क: बस स्टेण्ड आंवा— 0 किलोमीटर रेलवे स्टेशन: चन्दलाई — 52 किलोमीटर यहाँ अपने साधन से जाना सुविधाजनक होगा । संकलनकर्ता सुलभ जैन (बाह) नोट: मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक । समय ऋतुओं के अनुसार बदलता रहता है । 🙏🏼
संख्या 8
श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, आंवा, टोंक (राजस्थान)
सादर जय जिनेन्द्र ।। मैं सुलभ जैन (बाह) आज की भाव वन्दना चलते है,, राजस्थान के टोंक जिले में जयपुर—कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोंक और देवली शहरों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग 15 किमी दूरी पर स्थित आंवा गांव में प्राचीन दिगम्बर जैन मन्दिर व नसियां स्थित है।
आम धारणा है कि मन्दिर का निर्माण विक्रम संवत 1223 में किया गया था। इस मन्दिर की स्थापना कुन्द—कुन्द मूल आमान्यानुसार की गई थी। उस समय यह मन्दिर गुफा में था। विक्रम संवत 1593 में भट्टारक श्री धर्मचन्द द्वारा इसमें स्थित 4 फीट श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान की पद्मासन प्रतिमा का पंचकल्याणक किया गया था।
पंचकल्याणक महोत्सव को तत्कालीन शासक श्री सूर्य सेन के संरक्षण में किया गया था तथा लाखों जैन श्रावक पंचकल्याण महोत्सव में आये थे। यह भी मान्यता है कि उस समय पंचकल्याणक में जो भक्त आये थे, उनके भोजन में उपयोग में लायी गयी मिर्च के डण्ठल का वजन लगभग 29 क्विंटल था। वर्तमान में मन्दिर में मूल प्रतिमा की गुफा की दीवारों व छत पर संगमरमर का कार्य किया गया है तथा दीवारों पर श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान के तीर्थंकर कल्याणक संगमरमर पर उकरे गये हैं।
मन्दिर के उच्च भाग में मूल प्रतिमा की प्रति प्रतिमा की स्थापना की गई है तथा अन्य तीर्थंकरों की प्रतिमा भी विराजमान है। मन्दिर के अन्दर की स्थापत्यकला मनमोह लेती है। जब आप आंवा गांव से जयपुर—कोटा मार्ग पर लौटते हैं, तो मन्दिर से 4 किलोमीटर दूरी पर जैन नसियां भी स्थित है। यह छोटी पहाड़ी पर स्थित है, जहां तक वाहन से व पैदल आसानी से जाया जा सकता है। जैन नसियां के मुख्य मन्दिर में मूल नायक प्रतिमा श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान की पद्मासन प्रतिमा है, जो 11.5 फीट की है। साथ ही श्री 1008 आदिनाथ भगवान व सहस्त्रफणी श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान की पद्मसान 7.5—7.5 फीट की प्रतिमाएं हैं। मुख्य मन्दिर में त्रिकाल चौबीसी है।
14 जून, 2008 में मुनी श्री 108 सुधासागर जी महाराज के सान्निध्य में भव्य पंचकल्याणक हुआ था। उस समय क्षेत्र का नाम श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सुदर्शनोदय, आंवा घोषित किया गया। जैन नसियां में सशुल्क आवास व भोजनालय है। यहां बच्चों को खेलने के लिये बाल वाटिका है। क्षेत्र में निर्माण व विकास कार्य चल रहा है। यह क्षेत्र शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर एकांत में साधना के लिये उत्तम है। सड़क: बस स्टेण्ड आंवा— 0 किलोमीटर रेलवे स्टेशन: चन्दलाई — 52 किलोमीटर यहाँ अपने साधन से जाना सुविधाजनक होगा । संकलनकर्ता सुलभ जैन (बाह) नोट: मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक । समय ऋतुओं के अनुसार बदलता रहता है । 🙏🏼
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