Monday 6 February 2017

श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र, बिजौलिया

जैन तीर्थस्थल परिचय 

संख्या 4

मैं सुलभ जैन (बाह) आज की भाव वंदना में आपको लिए चलते है श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र, बिजौलिया


इस क्षेत्र की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है !
बूंदी—चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर स्थित इस क्षेत्र में विक्रम संवत् 1226 का एक शिलालेख है, जिसके अनुसार भगवान पार्श्वनाथ को केवल ज्ञान प्राप्त होने से पूर्व कमठ द्वारा इसी स्थान पर उपसर्ग किया गया था। इसके बाद भगवान पार्श्वनाथ को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह शिलालेख विश्व का सबसे विशालतम शिलालेख माना जाता है।

इस क्षेत्र पर कुल 11 मन्दिर हैं। एक चौबीसी, समवाशरण रचना व 2 मानस्तम्भ हैं। यहां संतशाला व गणधार परमेष्ठी मन्दिर भी हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता के अनुसार उज्जैन के व्यापारी जब यहां यात्रा करते हुये आये, तो उन्हें प्रतिमाओं के बारे में सपना आया। अगले दिन उनके द्वारा निश्चित स्थान पर खुदाई की गई और प्रतिमायें निकाली गईं। इसके बाद इस मन्दिर का निर्माण करवाया गया।

एक मान्यता यह भी है कि सन् 1858 में कुछ अंग्रेज व्यक्तियों ने शिलालेख के नीचे खजाना होने के अनुमान के कारण उसे खोदने का प्रयास किया, लेकिन जैसे ही उनके द्वारा ऐसा किया जाने लगा, तो उनके उपर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया और शिलालेख से दूध की धारा बहने लगी।

चैत्र बृद्व चतुर्थी को यहां वार्षिक मेला होता है। क्षेत्र में ठहरने का स्थान व भोजनाशाला सशुल्क उपलब्ध है।

मन्दिर में दर्शन का समय: 

मन्दिर सुबह 5 बजे से सांयकाल 9 बजे तक खुलता है।

कैसे पहुंचें (How To Reach)

सड़क: बिजौलिया 2 किमी
रेलव स्टेशन उपरमाल 12 किमी 

संकलनकर्ता
सुलभ जैन (बाह) 

क्षेत्र पर सार्वजनिक साधन उपलब्ध है । निजी वाहन से यात्रा किया जाना उचित है।

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